Friday, 18 January 2019

Kakdi ki kheti kese kre

Kakdi ki kheti..

Kakdi ek sabji ke roop me kaam lene wala fal h.wese isko salad me bhi kha skte h



Kakdi ki farming feb se August ke beech me kr skte h..iski bijai kanak ki fasal ke baad kr skte hai..ek acre me iska beej 500-600 gm .chahiye hota h  wese to kai kisaan to iski beejai bed bnakar krte h jisme labour ka khrch hota h.or kuch kissan normally desi tarike se krte h.
Direct cotton bijai wali machine se.jisme ghas nikalta asaan hota h.or irrigation ki bhi jarurat nhi pdti..is me pani di demand bahut kam rhti h..kisaan bhai Apne khet me is ki bijai krne se pehle achi tarah sinchai kr le jis se jameen me nami bni rhe. 


बीज की मात्रा।(SEED REQUIRED)


अगेती फसल लेंने के वक़्त-500 gm (February)
सही समय पर बिजाई--400gm प्रति बिघा (march_april)

बिजाई का समय 

  वैसे तो इसका समय है कपास और नरमा की फसल के साथ बीजा जा सकता है जिसको हम इंटरक्रॉपिंग भी कहते हैं और अगेती फसल और अच्छा भाव लेने के लिए इसको दूसरे महीने में बीजें।और मुख्य तौर पर फरवरी से जुलाई तक बिजाई की जाती है।


               अच्छी किस्में(improoved verieties)

1-पंजाब no 1
2-पंजाब no-2
3-देसी
4-मटकाचर
5-सफेद ककड़ी
6-बिरानी काकडी आदि किस्में होती है।

         सिंचाई।(irrigation)

वैसे तो कड़ी में पानी की जरूरत नहीं पड़ती पर अगर आप की जमीन बिरानी या अन कमांड है तो आप को 2 दिन के अंतराल में पानी लगाना आवश्यक है अगर आप की जमीन नरमा या चावल वाली है तो इसमें पानी लगाने की जरूरत नहीं पड़ती फूल आने तक आपको उसमें पानी लगाना उचित नहीं है क्योंकि इस जमीन में नमी पहले से ही बहुत होती है तो ककड़ी को इतनी नमी बहुत होती है अगर आपने जमीन की जो रोनी नहर के पानी से की हो तो आपको इसमें पानी की जरूरत नहीं होगी अगर आपने रोनी ट्यूबवेल के पानी से की है वो तो आपको पानी लगाना पड़ सकता है तो आप उसके हिसाब से आप चेक कर सकते हैं आप इसका पता कैसे लगा सकते हैं कि आपकी जो ककड़ी की फसल है सूख रही है या फिर फूल झड़ रहे हैं अगर आपके ककड़ी की फसल की फ्लोरिंग झड़ रही है तो आप पानी लगाएं।

       खाद( fertilizer)

 वैसे तो ककड़ी की फसल में खाद की जरूरत नहीं होती क्योंकि यह एक खुद ऑर्गेनिक खाद के उपयोग में की जाने वाली फसल है। अगर आपको इसमें जरूरत लगे तो आप डीएपी 25 किलो प्रति बीघा हिसाब से छिड़काव कर सकते हैं और गोबर की खाद भी इसमें f y m है जो आप अपनी जरूरत अनुसार आप जैसे कि आप कनक या फिर और फसलों में डालते हैं इससे नुकसान भी हो सकता है क्योंकि ज्यादा खाद डालने से या फिर ज्यादा जरूरत ना होने के कारण पत्ते बड़े हो जाते हैं और फूल कम आते हैं yield भी कम होती है तो उसके हिसाब से आप थोड़ा चेक करके भी देख ले खा डालकर की कामयाब है या नहीं।

     पैदावार (Yield) प्रति बीघा।

ककड़ी की फसल की वैसे तो कोई yield की लिमिट नहीं होती जैसे इसमें 3* बार फूल आते हैं जैसे 15 15 दिन के बाद अगर आपने इस की बिजाई की है तो 45 से 60 दिन के अंतराल में इसमें फ्लावरिंग शुरू हो जाती है और राजस्थान के गंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में रोजाना इसकी पैदावार एक बीघे के अंदर 3 से 5 कुंटल तक हो जाती है क्योंकि इसकी जो पैदावार और इसकी बढ़ोतरी वह तेजी से होती है और इस को तोड़ना भी जरूरी है सुबह और शाम को अगर इसको ना तोड़े तो ककड़ी फट जाती है और खेत मैं फंगस आने की संभावना हो जाती है जिससे आवारा पशुओं को इसकी सुगंध आती है और इसको खाने के चक्कर में वह खेत में नुकसान भी कर जाते हैं।
बिरानी क्षेत्रों में इसकी 1 दिन में डेढ़ सौ से ढाई सौ किलो तक भी हो जाती है। वैसे मुख्य तौर पर इसकी पैदावार 40 से 50 दिन तक ही होती है उसके बाद कम होने लग जाती है फिर जहां पर 3 से 4 कुंटल होती थी वहां से 120 किलो या फिर ज्यादा ज्यादा 150 किलो तक ही हो पाती है।
मुख्यतौर पर इसकी पैदावार 400 से साढे 400 कुंटल तक हो जाती है

Important thinks। इसे जरूर पढ़ें।

राजस्थान में कई किसान इसकी ज्यादा पैदावार और और कम लागत की खेती करने के लिए कपास बिजाई की मशीन से इस की बिजाई करते हैं जिससे इसमें घास निकालना आसान हो जाता है क्योंकि जो नरमे में सिलर की मदद से घास निकालते हैं वैसे ही 25 दिन के बाद इसमें से घास निकाला जा सकता है और नुकसान भी कम होता है उसके बाद ककड़ी की बेल बड़ी हो जाती है उसके बाद  spray की मदद से घास को दबाया जा सकता है

 कीटनाशक दवाईयां आदि का उपयोग।

ककड़ी की फसल में वैसे तो कोई इतनी ज्यादा दिक्कत नहीं होती क्यों यह एक ऑर्गेनिक फसल भी है और इसमें अगर कोई पत्ते मोड या फिर कोई फंगस की शिकायत हो तो मैनकोज़ेब m64 का 200 ग्राम 50 लीटर पानी के हिसाब से कर सकते हैं और इसकी सप्रे एक हफ्ते में एक बार करें और अगर लागत कम हो तो एनपीके 18 या फिर एनपीके 19 1 किलो एनपीके को 100 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें।

ज्यादा जानकारी के लिए आप कॉल करें। 80 944 80 700

4 comments:

  1. Hello. I'm very interested in the Kakdi melons. Though I currently grow and sell quite a few cucumber-melon varieties at cucumbershop.com, I am very interested in the Kakdi melon. Please let me know if you have any seed of this variety for sell to the United States. Thanks! jay@cucumbershop.com

    ReplyDelete
    Replies
    1. I have seed of kakri melon of good quality

      Delete
  2. U cn contact me on my email id. krishnamaurya38@gmail.com

    ReplyDelete

How we start poultry farm in field

 राम-राम सभी किसान भाइयों को जैसा कि आप जानते हैं आज के टाइम में भारतीय किसान पोल्ट्री फार्म डेरी फार्म मछली फार्म बटेर पालन बतख पालन आदि यह...